The Magic of Thinking Big

बड़ा आदमी बनना हैं तो ये 4 नियम अपनाओ । The Magic of Thinking Big

दोस्तों आज से 50 साल पहले अगर कोई यह कहता कि फ्यूचर में ऐसी टेक्नोलॉजी आएगी जिसके हेल्प से लोग दूर बैठे दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने में एक दूसरे का चेहरा देख कर बात कर सकते हैं. तो शायद उस समय उस व्यक्ति को लोग पागल बोलते या फिर यह बोलते कि तू कोई जादू टोना जानता है क्या। पर आज पूरी दुनिया जानती है कि वीडियो कॉल का यह जादू कितना नॉर्मल हो चुका है. तो इस एग्जांपल से यह बात तो साबित होती है कि बड़ी सोच की वजह से हम सच में कोई भी जादुई चीज बना सकते हैं.आज तक इंसानों ने जितनी भी तरक्की की है वह सब कुछ बड़ी सोच के कारण ही पॉसिबल हो पाया है. तो इस पोस्ट हम बड़ी सोच का बड़ा जादू यानि की The Magic of Thinking Big के बारे में डिस्कस करने वाले हैं.जैसे कि आप यह सीखने वाले हैं कि आप कैसे बड़ा सोचना सीख सकते हैं. और कैसे बड़ी सोच के आधार पर आप लाइफ में वह सब कुछ हासिल कर सकते हैं, जो आप पाना चाहते हैं. तो यह शुरू करते हैं.

  1. भरोसा करे कि आप सफल हो जाएंगे
    आप खुद पर विश्वास करना सीखे।आपके खुद के ऊपर विश्वास में बहुत ताकत होती है. और यही ताकत आपको लाइफ में बहुत आगे ले जा सकती है. आपको बहुत पैसे कमा कर दे सकती है. नाम, फाइनेंशली फ्रीडम यह सब कुछ हासिल करके दे सकती है. और यह तभी पॉसिबल हो सकता है जब आप खुद पर विश्वास करेंगे कि यह सब कुछ आप हासिल कर सकते हैं. लेकिन अगर आप खुद पर ही शक करेंगे और सोचेंगे कि मैं इस काबिल नहीं हूं. तो आप कभी भी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। इसलिए सबसे पहले खुद पर विश्वास करना बहुत ही ज्यादा जरूरी है. अलोन मस्क जब स्पेसएक्स का निर्माण कर रहे थे तब लोगों ने खूब क्रिटिसाइज किया कि किसी प्राइवेट कंपनी के लिए किसी भी प्रकार का स्पेस एजेंसी को चलाना ऑलमोस्ट इंपॉसिबल है. क्योंकि इस स्पेस के काम से जुड़े एक्यूमेंट के लिए रॉकेट के लिए बहुत ज्यादा पैसे लगते हैं. स्मार्ट इंजीनियर और साइंटिस्ट की भी जरूरत होती है. जिसे केवल सरकारी कंपनी अफवर्ड कर सकती है कोई भी प्राइवेट कंपनी नहीं।इसलिए स्पेस एजेंसी से जुड़ी कोई भी प्राइवेट कंपनी का होना ऑलमोस्ट इंपॉसिबल है. इस बात को अलोन मस्क ने गलत साबित कर दिखाया। और उन्होंने स्पेसएक्स को दुनिया की वन ऑफ द लार्जेस्ट स्पेस एजेंसी बना दिया। हालांकि यह इतना आसान नहीं था. और अलोन मस्क को कई बार असफलता का भी सामना करना पड़ा। पर फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। और स्पेसएक्स को इतनी बड़ी कंपनी बना दिया और यह सब कुछ अलोन मस्क ने इसलिए पॉसिबल कर दिखाया।क्योंकि उन्हें खुद पर भरोसा था कि वह इतनी बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं. पर इतना सब कुछ जानने के बाद फिर भी लोग खुद पर भरोसा नहीं कर पाते इसलिए मैं आपको खुद पर विश्वास करने के 3 तरीके बताता हूं.
    1. किसी भी काम को शुरू करने से पहले यह सोचे कि मैं इस में सफल रहूंगा.
    2. किसी भी काम को शुरू करने से 21 दिन पहले ही यह बोलना शुरू कर दें कि मैं अपने लक्ष्य में कामयाब होकर ही रहूंगा। कहने का मतलब यह है कि किसी भी काम की शुरुआत से पहले ही आप अपने आपको भरोसा दिलाए कि, हां, मैं इस काम को करूंगा और इसमें सक्सेस हो कर रहूंगा।
    3. अक्सर खुद को याद दिलाते रहे कि, आप खुद को जितना काबिल समझते हो आप उससे कहीं बेहतर है. पर इसका यह बिल्कुल भी मतलब नहीं है कि. मैं आपको घमंडी बनने को बोल रहा हूं या फिर मैं आपको ओवर कॉन्फिडेंस में जाने की बोल रहा हूं. कहने का मतलब यह है कि आप जितना खुद को काबिल समझते हैं आप उस से बढ़कर है और इस सोच के साथ जस्ट आपको अपना कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ाना है. ओवर कॉन्फिडेंस में नहीं जाना है. अगर आप यह सोचते हैं कि इस दुनिया में केवल मैं ही इस काम को कर सकता हूं तो यह घमंड है. यह तो ओवर कॉन्फिडेंस है, जो कि आपको बुरी तरह से पछाड़कर आपको बहुत पीछे धकेल देगा। और अगर आप यह सोचते हैं कि आप यह काम कर सकते हैं तो यह आपका खुद पर अटल विश्वास हुआ, जिसे हम कॉन्फिडेंस भी कहते हैं.
  2. बहानेबाजी छोड़ दे
    बहानेबाजी की बीमारी से हमेशा खुद को दूर रखें। दोस्तों बहुत बार हम जिंदगी में कुछ बड़ा नहीं कर पाते और इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि हम हमेशा किसी भी चीज को करने से पहले बहाने बनाने की बुरी आदत है जैसे कि मेरे में इतना दिमाग नहीं है, कि मैं यह काम कर सकता हूं. मेरे हेल्थ अच्छी नहीं है मैं, फिट नहीं हूं, मेरी उम्र बहुत ज्यादा हो चुकी है, अब समय नहीं बचा है, किस्मत कभी भी मेरा साथ नहीं देती और आगे भी नहीं देगी, अभी मेरा ठीक समय नहीं चल रहा है क्योंकि मैं फाइनेंशिल स्ट्रगल कर रहा हूं, मैं बहुत ही गरीब परिवार में जन्म लिया हूं इसलिए मैं सक्सेस नहीं हो सकता। तो ज्यादातर लोगों को इस तरह के बहाने बनाने की बुरी बीमारी होती है इसलिए अगर आपको अपनी लाइफ में आगे बढ़ना है तो इस तरह के बहाने बनाने की बीमारी से खुद को हमेशा के लिए दूर रखना होगा अगर आपको कोई भी बिजनेस शुरू करना है तो बेशक कीजिए और बिजनेस करने के लिए कोई भी सही उम्र नहीं होती है.
    एग्जांपल के लिए आप तिलक मेहता को ही देख सकते हो जिन्होंने पेपर एंड पार्सल का बिजनेस 13 साल की उम्र में ही शुरू कर दिया था. और अभी तो आप देख भी सकते हो कि चाय कट्टा बार, एमबीए चायवाला जैसे बिजनेस कितने ट्रेंड में चल रहे हैं. और जिन्होंने शुरुआत की वह भी काफी यंग है. यह सब कुछ बता कर मैं आपको यह नहीं बोल रहा हूं कि, आप एकदम से कुछ बड़ा कीजिए। कहने का मतलब यह है कि आपको खुद पर विश्वास रखना है.और सपने बड़े देखने हैं कि आप कुछ बड़ा जरूर से कर सकते हो.आपको शुरुआत हमेशा छोटे से ही करनी चाहिए। लेकिन सपने हमेशा बड़े देखना चाहिए। जैसे कि धीरूभाई अंबानी हमेशा से ही बड़े-बड़े सपने देखते थे.पर उन्होंने शुरुआत छोटे से की थी. वे सबसे पहले क्लर्क थे.उन्होंने सबसे पहले टैक्सटाइल का बिजनेस शुरू किया। उसके बाद धीरे-धीरे करके उन्होंने अपने बिज़नेस को फैलाया।और आज देखिए रिलायंस कितनी बड़ी कंपनी बन चुकी है. और कमाल की बात तो यह है कि रिलायंस कंपनी में इंजीनियर है जो बहोत प्रोफेशनल है. इस कंपनी को शुरू करने वाले धीरूभाई अंबानी बहोत पढ़े लिखे नहीं थे. रिलायंस को बड़ा बनाने के पीछे लगे हुए थे उस समय उनकी उम्र भी ज्यादा हो चुकी थी. लेकिन उन्होंने इन सब चीजों का बहाना नहीं बनाया। एक गोल बनाया और एक स्ट्रेटेजी बनाकर आगे बढ़ते गए. और खुद पर भरोसा रखा. इसलिए आज से आप भी अपनी कमियों की ढाल बनाकर खुद को पीछे खींचना छोड़ दीजिए। इसलिए आज से आप भी बहाने बनाना छोड़िए और अपना एक गोल बनाकर अपने काम में जुट जाइए। तबतक ना रुके जबतक आप अपने अपनों को पूरा ना करे.
  3. हार ना माने
    कभी हार ना माने और तब तक प्रयास करते रहे जब तक कि आपको सफलता ना मिल जाए.आपने वह कहानी जरूर सुनी होगी जिसमें 2 मेंढक गहरे गड्ढे में गिर जाते हैं. उसके बाद 1 मेंढक तो हार मान लेता है. पर दूसरा मेंढक लगातार कोशिश करता रहता है. और फाइनली एक कोशिश में उसे सक्सेस मिल जाती है. और वह गड्ढे से बाहर निकल जाता है. इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि चाहे कुछ भी हो जाए हमारी सराउंडिंग कितनी भी नेगेटिव क्यों ना हो हमें कभी भी खुद पर भरोसा करना नहीं छोड़ना चाहिए। और तब तक हार नहीं माननी चाहिए जब तक कि हम उस मेंढक की तरह उस गड्ढे से बाहर ना निकल जाए. यानी कि हम सफल ना हो. जाए ज्यादातर लोग जब लाइफ में एक बार फेल हो जाते हैं तो उसके बाद मैं दोबारा कोशिश करने से डरने लगते हैं. और यही वजह है कि ज्यादातर लोग अपनी लाइफ में सक्सेस नहीं हो पाते। इसलिए हमेशा हमें अपनी सोच को इस तरह से बना कर रखना चाहिए कि चाहे लाख परेशानियां आए हमें कई बार फैलियर्स मिले हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक नहीं मिल जाती.
  4. बड़ा सोचो पर डोंट ओव्हर कॉन्फिडेंस
    बड़ा सोचने का मतलब है या फिर खुद पर भरोसा रखने का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप यह सोचो कि अब जमीन पर उछल कर ही चांद को छु लोगे। कहने का मतलब यह है कि आपको ऑफ़कोर्से बड़ा ही सोचना है लेकिन एक परफेक्ट प्लानिंग के साथ.आप जानना चाहते हैं कि कैसे तो सुनो।
    एक बार की बात है दो लोग अपनी जिंदगी से परेशान होकर संत के पास जा रहे थे. और जब उनके पास पहुंच जाते हैं तो वे उनसे कहते हैं कि गुरु जी हम दिन रात मेहनत करते हैं. अपना पूरा एफर्ट देते हैं और अपना खून पसीना एक कर के काम करते हैं फिर भी हमें अपनी मनचाही सफलता नहीं मिल पा रही. आप कृपया हमें कुछ ऐसे मूल मंत्र बताइए ताकि हम ऊंची सफलता को हासिल कर सके. और उन लोगों की ऐसी बातें सुनकर संत अपने कुटिया के अंदर जाते हैं. और एक पतंग लेकर बाहर आ जाते हैं. फिर वह बिना कुछ बोले उस पतंग को हवा के ऑपोजिट डायरेक्शन में उड़ाने की कोशिश करते हैं. लेकिन जब जब वह अपनी पतंग को ऊपर की ओर उड़ाते हैं, तो पतंग थोड़ी सी ऊपर तो जाती है. लेकिन हवा की ऑपोजिट डायरेक्शन होने की वजह से वह वापस नीचे आ जाती है.पर संत बार-बार कोशिश करते हैं. जैसे कि वह हवा के ऑपोजिट डायरेक्शन में पतंग उड़ा लेंगे। पर पतंग नहीं उड़ा रही थी. और इस डायरेक्शन में कोशिश करने की वजह से संत जो अब पूरी तरह से थक चुके थे और उनकी ऐसी हरकत को देखकर वह दोनों लोग भी बुरी तरह से इरिटेट हो चुके थे. तभी उनमें से एक व्यक्ति उनसे कहता है कि, गुरु जी आप यह क्या कर रहे हो? हम अपनी समस्या लेकर आपके पास आए हैं. ताकि आप हमें एक ऐसा सुझाव दे सके जिससे कि हमें अपना समाधान मिल सके. पर आप सुझाव देने की बजाय यह पतंग उड़ाने में लगे हुए हैं. और यह आप कैसे पतंग उड़ा रहे हैं. क्या आपको पता नहीं है कि आप हवा की उलटी दिशा में पतंग को उड़ाने की कोशिश कर रहे हैं. और उस वजह से पतंग बार-बार कोशिश करने के बावजूद भी नहीं उठ पा रहा. और अगर आप इस पतंग को हवा की सही दिशा में थोड़ा सा भी एफोर्ट लगाकर उडाओगे तो यह ज्यादा अच्छे से उड़ेगी।
    अब उस व्यक्ति के मुंह से ऐसी बातें सुनकर संत मुस्कुराते हैं. और कहते हैं कि मैं यही चीजें तुम दोनों को समझाने की कोशिश कर रहा था. कि जब आप एटमॉस्फेयर और इन्वायरमेंट के साथ है परफेक्टली अलाइन हो जाओगे तब यह प्रति आप को कम से कम एफोर्ट में भी स्ट्रीम लेवल की सफलता देगी। संत कहते है कि जब आप अपने एक्शन को यूनिवर्स के अकॉर्डिंग ली परफेक्ट में लाइन कर लेते हो तब यह यूनिवर्स आपको बिना ज्यादा एफोर्ट में ज्यादा सफलता दे जाती है. और अगर आप इस नेचर और अपने इन्वोर्न्मेंट के साथ पर्फेक्ट्ली लाइन नहीं करोगे और बिना सोचे समझे मेहनत करते रहोगे तो आप चाहे जितनी भी कोशिश क्यों ना कर लो आपको अपनी मनचाही सफलता नहीं मिल पाएगी। जिस वजह से आप अपने मोटिवेशन को लुज कर दोगे और दुखी हो जाओगे।
    गलत डायरेक्शन में अंधाधुन मेहनत करना बंद करो. सही डायरेक्शन में मेहनत करो. फिर देखो सफलता कैसे तुम्हारे कदम चूमती है. तो इस कहानी से हमें यह समझ आता है कि केवल बड़ा सोचने से कुछ भी नहीं होगा। बल्कि हमें बड़ी सोच साथ साथ सही डायरेक्शन में काम भी करना पड़ेगा.

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